कन्या लग्न और राशि का तीसरा घर वृश्चिक राशि का होता है। किसी भी लग्न या राशि के तीसरे घर से जातक-जातिका की साहस, परिश्रम, छोटे भाई-बहन, पड़ोसी, छोटी यात्राएँ, लेखन कार्य, किसी भी प्रकार की दस्तावेजीकरण, सोशल मीडिया आदि का आकलन किया जाता है।
हम जानते हैं कि कुंडली में कालपुरुष की कुंडली का महत्व बहुत अधिक होता है। कालपुरुष की कुंडली के बिना कुंडली का विश्लेषण अधूरा रह जाता है। उसी के अनुसार, कन्या लग्न या राशि के तीसरे घर में कालपुरुष की कुंडली के आठवें घर की राशि का स्थान होता है। अर्थात, कन्या लग्न के तीसरे घर में वृश्चिक राशि, जो कालपुरुष के आठवें घर की राशि है। इस राशि से कालपुरुष की नकारात्मक रूप में दुःख, कष्ट, पीड़ा या अचानक उत्पन्न होने वाली समस्याएँ और सकारात्मक रूप में गुप्त विद्या, गुप्त धन, गुप्त रहस्यों का आकलन किया जाता है।
कन्या लग्न या राशि के तीसरे या परिश्रम के घर में इस प्रकार की द्वंद्व से भरी राशि होने के कारण, जातक-जातिका को तीसरे घर से संबंधित विषयों पर कोई भी निर्णय लेते समय संवेदनशील होना पड़ता है।
अर्थात, किसी भी परिश्रम से पहले उसके परिणाम का सही ढंग से आकलन करना चाहिए, छोटे भाई-बहन के मामलों में संवेदनशील रवैया रखना और उनके भविष्य के लिए सही विश्लेषण कर निर्णय लेना चाहिए। पड़ोसियों के साथ संबंधों में संवेदनशील होना और छोटी यात्राओं से पहले लाभ-हानि का विचार करना चाहिए। किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर या निर्माण करने से पहले उचित विश्लेषण आवश्यक है। इसके अलावा, तीसरे घर से सोशल मीडिया का भी आकलन किया जाता है, इसलिए सोशल मीडिया पर किसी भी पोस्ट या टिप्पणी करने से पहले गहराई से सोच विचार करना चाहिए।
यदि इन सभी विषयों पर सही ढंग से विचार किए बिना निर्णय लिया जाता है, तो कन्या लग्न या राशि के जातक-जातिकाओं को तीसरे घर से संबंधित वृश्चिक राशि के नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ते हैं। इसका मतलब है कि इनमें से किसी भी मामले में दुःख,कष्ट, पीड़ा या अचानक उत्पन्न समस्याएँ सामने आ सकती हैं।
लेकिन अगर सही आकलन और विचार के बाद निर्णय लिया जाए, तो वृश्चिक राशि के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं। यानी परिश्रम, छोटे भाई-बहन और पड़ोसियों के सहयोग से, लेखन कार्यों और सोशल मीडिया के माध्यम से गुप्त धन या विद्या जैसे लाभ प्राप्त होते हैं।
इसलिए, कन्या लग्न या राशि के जातक-जातिकाओं को तीसरे घर से संबंधित किसी भी मामले पर निर्णय लेने से पहले सही विचार और विश्लेषण करना चाहिए। साथ ही, कालपुरुष के आठवें घर यानी वृश्चिक राशि से मृत्यु या मृत्यु तुल्य कष्ट का भी आकलन किया जाता है। इसलिए इस घर से संबंधित कार्यों में धर्म के अनुसार कर्म करने से अनुकूल प्रभाव प्राप्त करने में कोई बाधा उत्पन्न नहीं होती और परिश्रम का परिणाम खुलकर मिलता है।
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