मेष लग्न या राशि, राशि चक्र की पहली राशि है। मेष राशि एक अग्नितत्त्व और चर राशि है। मेष लग्न या राशि से कालपुरुष की कुंडली का भी विचार किया जाता है।
मेष लग्न या राशि के छठे घर की राशि, हमारी बुद्धि के कारक ग्रह बुध की कन्या राशि होती है। इस लग्न या राशि के जातक-जातिकाओं के जीवन की विभिन्न समस्याएँ, मुख्य रूप से रोग, ऋण और शत्रु की स्थिति का विचार कन्या राशि से किया जाता है। यहाँ शत्रु से तात्पर्य केवल किसी व्यक्ति विशेष से नहीं है, बल्कि जीवन की कठिन परिस्थितियों को भी शत्रु के रूप में देखा जाता है।
किसी भी चुनौती से दूर भागकर या उस चुनौती से डरकर कभी जीत हासिल नहीं की जा सकती। किसी भी समस्या या चुनौती पर विजय प्राप्त करने के लिए, या उस समस्या या चुनौती से निकलने के लिए, आपको उस चुनौती का सामना करना होगा और उसका मुकाबला करना होगा।
समस्याओं या चुनौतियों पर विजय अपने आप नहीं मिलती। इसके लिए कड़ी मेहनत और अनुशासन का पालन करना पड़ता है। तभी जीत मिलती है। जैसे जब हम किसी प्रतियोगी परीक्षा का सामना करते हैं, तो उस परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ तैयारी करनी होती है। जितनी ज्यादा मेहनत और अनुशासन का पालन करते हैं, उतने ही अच्छे अंक प्राप्त होते हैं।
अतः मेष लग्न या राशि के जातक-जातिकाओं को जीवन में आने वाली सभी बाधाओं का अनुशासन और कठोर परिश्रम के साथ सामना करना चाहिए। आपके जीवन में भी स्थायी सुख आएगा।
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